श्री गोपाल अक्षय कवचम
1. गोविन्द पावों की रक्षा करें ।
2. जगत प्रभु जांघ की रक्षा करें ।
3. दोनों उरवो की रक्षा केशव करें ।
4. कमर की रक्षा दामोदर करें ।
5. चेहरे की श्रीहरी रक्षा करें ।
6. नाड़ी स्थान की अच्युत रक्षा करें ।
7. बाईं तरफ की विष्णु रक्षा करें तथा दक्षिन तरफ की सुदर्शन रक्षा करें ।
8. कंधो की रक्षा वासुदेव करें ।
9. हदय की रक्षा जनार्दन करें ।
10. कण्ठ की रक्षा वाराह करें ।
11. मुखमंडल की रक्षा कृष्ण करें ।
12. कानो की रक्षा माधव करें ।
13. नासिका की रक्षा हृषिकेश करें ।
14. नेत्रों की रक्षा नारायण करें ।
15. ललाट की रक्षा गरुड़ध्वज करें ।
16. कपोलों की रक्षा केशव करें ।
17. शिर की रक्षा चक्रपाणी करें ।
18. प्रभात में माधव रक्षा करें ।
19. मध्यान में मधुसुदन रक्षा करें ।
20. दिन के अंत में देतेयों का नाश करने वाले रक्षा करें ।
21. रात्रि में चंद्रमा रक्षा करें ।
22. पूर्वे में पुण्डरीकक्ष रक्षा करें ।
23. वायव्य में जनार्दन रक्षा करें ।